लगान, मुन्नाभाई एमबीबीएस और गंगाजल जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपनी अदायगी का जौहर दिखा चुकी बॉलीवुड अभिनेत्री ग्रेसी सिंह एक बार फिर अपने सधे हुए अभिनय से लोगों को दीवाना बनाने को तैयार हैं। जीवनधारा प्रोड्क्शन के बैनर तले बन रही फिल्म ब्लू माउंटेन में ग्रेसी एक संघर्षरत गायिका की भूमिका में हैं और वह इस भूमिका को बड़ी चुनौती के रुप में देख रही हैं। पेश है उनसे खास बातचीत :
1-'ब्लू माउंटेन' में आपका किरदार एक गायिका का है, लेकिन इसमें ऐसा क्या है कि आप इसे बेहद खास बता रही हैं ?
देखिए, दो बातें महत्वपूर्ण हैं। पहली, मैंने आज तक ऐसा किरदार नहीं निभाया है। दूसरा, इस भूमिका के कई शेड्स हैं। एक गायिका के रुप में प्रसिद्धी पाने, फिर इंडस्ट्री छोड़ने और फिर अपने सपनों को सच करने की कहानी है। निश्चित रुप से मैं कह सकती हूं कि मेरे प्रशंसकों ने मुझे इस तरह के रोल में पहले कभी नहीं देखा होगा।
2-चर्चा है कि आप 'ब्लू माउंटेन' में वाणी जयराम का किरदार निभा रही हैं ?
इसका सही जवाब तो आपको फिल्म के निर्देशक दे सकते हैं कि उन्होंने मेरी भूमिका को किस तरह गढ़ा। मैं एक गायिका की भूमिका में हूं। हां, फिल्म में मेरा नाम वाणी है तो शायद इस बात को बल मिला है। लेकिन, मैं अपनी तरफ से कहानी के बारे में बहुत ज्यादा नहीं बोल सकती हूं।
3-निर्देशक सुमन गांगुली की यह पहली फिल्म है। आपका अनुभव कैसा रहा ?
वह पहली फिल्म के निर्देशक नहीं लगते। उन्हें फिल्म मेकिंग की बहुत अच्छी जानकारी है। बर्फीली वादियों में लिए कुछ शॉट तो बहुत शानदार हैं। आप पर्दे पर देखेंगे तो दंग रह जाएंगे।
4-शिमला और कुफरी में शून्य से छह डिग्री कम तापमान में काम करने का अनुभव कैसा रहा ?
अच्छा कहना तो मुश्किल है लेकिन रोमांचक रहा। यह भी अपने आप में खास अनुभव था। लेकिन, यूनिट के लोगों में जिस तरह का उत्साह था, उसने सारी ठंड भगा दी थी।
5-आपके खाते में लगान,मुन्नाभाई एमबीबीएस और गंगाजल जैसी सुपरहिट फिल्में हैं। लेकिन, हाल के साल आपके लिए काफी खराब रहे हैं ?
लगान और मुन्नाभाई जैसी भूमिका कई अभिनेत्रियों को ता-उम्र नहीं मिलती तो यह मेरी खुशकिस्मती है कि मैं इन यादगार फिल्मों का हिस्सा रही हूं।हर फिल्म में मुझे ऐसे रोल नहीं मिल सकते। लेकिन, निराशा होने जैसी बात नहीं है। मैंने कई दूसरी भाषाओं की फिल्मों में काम किया है। वहां मैंने पहचान बनायी है। हिन्दी में भी ब्लू माउंटेन के अलावा जल्द कुछ और अच्छी फिल्में पर्दे पर आएंगी।
6-चलिए इस फिल्म की खासियत क्या है ?
फिल्म की कहानी सबसे बड़ी खासियत है। संगीतमय फिल्म है, जो आजकल कुछ कम बन रही हैं। आदेश श्रीवास्तव और मोंटी शर्मा ने संगीत दिया है फिल्म में। इसके अलावा बर्फीली वादियों पर फिल्माए दृश्य इसका कैनवास बड़ा कर देते हैं।
7-आपकी शुरुआत टेलीविजन से हुई थी...तो क्या अब टीवी की दुनिया में लौटने का इरादा है ?
मैं आपको एक मजेदार बात बताऊं कि विदेशों में लोग मुझे आज भी अमानत की डिंकी के नाम से पुकारते हैं। उस किरदार की लोकप्रियता गजब थी। आज छोटे और बड़े पर्दे का अंतर मिट रहा है। अच्छी भूमिका मिली तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है।
8-एक्टिंग के अलावा और क्या करती हैं ?
मैं कथक की ट्रेनिंग ले रही हूं।